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भगवान शिव की आरती (Lord Shiva Aarti in Hindi)


हिन्दू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में गिना जाता है। भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है। माना जाता है कि भगवान शिव भक्त की भक्ति मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की पूजा में विशेष नियम नहीं होते। भगवान शिव का मंत्र " नम: शिवाय " भी बेहद आसान है। श्री शिव जी आरती  का पाठ करने व सुनने से घर में सुख-शांति, धन, वैभव, भक्ति और प्रेम की वृद्धि होती है। भगवान शिव की आराधना के लिए निम्न आरती का पाठ करना चाहिए।


चित्रगुप्त जी की आरती



हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त जी की नियमित आधार पर आरती करने से भगवान खुश हो कर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
श्री गणेश जी की आरती



जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डू अन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश देवा

एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी॥
जय गणेश देवा

अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश देवा

दीनन की लाज राखो, शंभु -सुत वारी
 कामना को पूरा करो, जग बलिहारी॥
जय गणेश देवा

 जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा

'सूरश्याम ' शरण आए सुफल कीजे सेवा।



Shree Lakshmi Aarti



Om Jai Laxmi Mata, Maiya Jai Laxmi Mata,
Tumko Nis Din Sevat, Hari, Vishnu Data || Om Jai ||

Brahmaani kamla Tum Ho Jag Mata,
Surya Chandrama Dhyaavat, Naarad Rishi Gaata || Om Jai ||

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Jo Koyee Tumko Dhyaataa, Ridhee Sidhee Dhan Paataa || Om Jai ||

Tum Paataal Nivasini, Tum Hi Shubh Daataa
Karm Prabhaav Prakaashini, Bhav Nidhi Ki Daataa || Om Jai ||

Jis Ghar Mein Tu Rehtee, Sab Sukh Guna Aataa,
Taap Paap Mit Jaataa, Man Naheen Ghabraataa || Om Jai ||

Tum Bin Yagya Na Hota, Vastra Na Koi Paata
Khaan Paan Ka Vaibhav, Sab Tum Se Aata || Om Jai ||

Shubh Gunn Mandir Sundar, Shirodadhi Jaata
Ratna Chaturdash Tum Bin, Koi Nai Paata || Om Jai ||

Dhoop Deep Phal Meva, Ma Sweekaar Karo,
Gyaan Prakaash Karo Ma, Moha Agyaan Haro || Om Jai ||

Maha Laxmiji Ki Aarti, Jo Gaavey
Uraananda Samata, Paap Uttar Jata || Om Jai ||






























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  • श्री लक्ष्मी जी की आरती



    जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता |
    तुमको निस दिन सेवत,हर विष्णु विधाता || जय ||

    ब्रह्माणी रूद्राणी कमला, तू ही  है जगमाता |
    सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ जय ||

    दुर्गा रूप निरंजन, सुख सम्पति दाता |
    जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || ॐ जय ||

    तू ही है पाताल बसन्ती, तू ही है शुभ दाता |
    कर्म प्रभाव प्रकाशक, भवनिधि से त्राता || ॐ जय ||

    जिस घर थारो वासो, तेहि में गुण आता |
    कर सके सोई कर ले, मन नहिं धड़काता || ॐ जय ||

    तुम बिन यज्ञ होवे, वस्त्र कोई पाता |
    खान पान को वैभव, सब तुमसे आता || ॐ जय ||

    शुभ गुण सुंदर मुक्त्ता, क्षीर निधि जाता |
    रत्त्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नही पाता || ॐ जय ||

    आरती लक्ष्मी जी की, जो कोई नर गाता |
    उर आनन्द अति उपजे, पाप उतर जाता || ॐ जय ||





























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