शनि वक्री 2024 |
भगवान शनि को न्याय का स्वामी माना जाता है।
शनि देव कर्मों के आधार पर फल देते हैं।
शनि देव की पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी होती है।
Shani Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में शनि को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। शनिदेव को सूर्य पुत्र के साथ साथ न्यायदाता और कर्म फल दाता भी कहा जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ-अशुभ फल देते हैं।
हिंदू धर्म में शनिदेव को ग्रहों का न्यायाधिश कहा जाता है। शास्त्रों में शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja) के कई सारे नियम भी बताए गए हैं। शनिदेव इतना पुण्य देते हैं कि व्यक्ति के लिए उसे बटोर पाना मुश्किल होता है और अगर उनकी दृष्टि टेढ़ी हो जाए तो राजा को रंक बनाने में देर नहीं लगाते। इसलिए ज़्यादातर लोग शनि महाराज से डरते भी हैं।
शनि वक्री 2024 तारीख (Shani Vakri 2024 Date)
सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर, सभी ग्रह एक निश्चित अवधि पर मार्गी होते हैं या वक्री होते हैं। ग्रहों के वक्री होने का अर्थ होता है उल्टी चाल चलना या उल्टी दिशा में गति करना। 29 जून 2024 को रात 11 बजकर 40 मिनट को शनिदेव,
कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में वक्री होंगे और लगभग साढ़े चार महीने तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे, यानी कि शनि 139 दिनों तक चाल चलेंगे। इसके बाद शनि 15 नवंबर 2024 को मार्गी होंगे। शनि ग्रह की चाल ज्योतिष शास्त्र पर कई तरह के प्रभाव डालती है। ज्योतिष धारणा है कि, शनि देव की वक्री अवस्था काफी खरतनाक होती है। शनि की व्रकी अवस्था को अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि उनकी उल्टी चाल में होने से व्यक्ति को आर्थिक परेशानी, सेहत संबंधी और बहुत सी परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती हैं।
शनि वक्री का प्रभाव (Shani Vakri 2024 Effect)
भौगोलिक दृष्टि से जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पृथ्वी के करीब होता है। इसलिए उसका प्रभाव भी बढ़ जाता है। विभिन्न लग्न के लिए शनि वक्री का फल भी अलग-अलग होता है। अगर आपकी लग्न कुंडली में शनि शुभ स्थान पर है तो आपको जरा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि शनि जिस राशि में वक्री होता है, उन राशियों (Zodiac Sign) को सबसे अधिक परेशान करते हैं या दंड देते हैं। खासतौर पर जिनपर शनि की साढ़ेसाती (Sadesati) या ढैय्या (Dhaiya) चल रही हो। ऐसे राशि वालो को शनि वक्री के दौरान कुछ आसान उपायों (Shani Upay) को करके उसके दुष्प्रभावों से भी बच सकते हैं।
तो आइये जानते हैं शनि वक्री के दौरान कौन से लाभकारी उपाय करने चाहिए और कौन से ऐसे काम है जो भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
शनि वक्री हो तो करें ये 6 लाभकारी उपाय (Do These 6 Beneficial Remedies During Saturn Retrograde)
शनि वक्री 2024 |
1. पीपल के वृक्ष में जल प्रदान करें और संध्या काल में दीप प्रज्वलित करें।
2. शनि वक्री की अवधि में, शनिवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड के पाठ को शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है।
3. शनि वक्री की अवस्था में आपको लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपनी छवि देखें और फिर इस तेल को कटोरे सहित दान कर दें या पीपल के नीचे रख दें।
4. शनि वक्री की अवस्था में लोहा, सरसों तेल, काली उड़द, काली तिल, काले वस्त्र, कंबल आदि का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
5. शनि वक्री के दौरान उन लोगों को नदी स्नान करना चाहिए और छाता का दान करना चाहिए, जिनकी कुंडली में शनि शत्रु भाव में बैठे हों या फिर शनि की शुभ दृष्टि न हो।
6. शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
शनि वक्री के दौरान भूलकर भी ना करें ये 4 काम (Do Not Do
This 4 Work During Saturn Retrograde)
शनि वक्री 2024 |
1. शनि वक्री की अवधि में माता-पिता, साधु-संत, पशु पक्षी आदि की सेवा करनी चाहिए। मगर ये बात का ध्यान रखें कि गलती से भी इनका अपमान ना हो।
2. माना जाता है शनि देव न्यायप्रिय देवता हैं तो ऐसे में जब शनि देव वक्री अवस्था में हों तब किसी भी तरह का लालच, लोभ और अधिक महत्वकांक्षाओं से दूर रहना चाहिए।
3. शनि वक्री की अवधि में किसी भी बड़े-बुजुर्गों का, असहाय, गरीब या मजदूर का अपमान नहीं करना चाहिए और ना ही इन्हें किसी भी प्रकार से सताना चाहिए।
4. शनि वक्री के दौरान अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और वाद-विवाद से दूर ही रहें। याद रखें कटुवचन बोलने वालों को शनि देव दंड देते हैं।
दोस्तों यदि आपकी कुंडली में शनि वक्री अवस्था है, तो उपरोक्त बताई गई बातों का ध्यान जरूर रखें। इस उम्मीद के साथ कि आपको हमारी यह विशेष जानकारी जरूर पसंद आई होगी, हमें कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इसे सोशल मीडिया जैसे Facebook Instagram पर भी शेयर जरूर करें। बाकी अन्य आर्टिकलस को पढ़ने के लिए हमेशा ऐसे ही बने रहिये आपकी अपनी वेबसाइट www.99advice.com के साथ।
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