January 2019
Honey & Its Amazing Benefits



Honey is a sweet, viscous semi-fluid that is prepared from the flowers of plants by honeybees and is collected as a diet. The sweetness that occurs in honey is especially due to glucose and single sugars fructose. The honey is also used in the form of medicine. The honey contains glucose and other sugars and vitamins, minerals and amino acids, which provides many nutritious elements that help in the healing of wounds and the treatment of tissues. From ancient times, honey is known as an antibacterial.



Honey is the oldest thing to be found on earth. It is a substance whose chemical structure is some similar to human blood. The effect of honey on the body is quite based on its method of use. That is, if you eat honey directly, its effect will be different, with hot water or cold water, it will be affected differently. The use of honey is particularly beneficial for those who are doing yoga actions. In yoga taking honey with lukewarm water opens our body system. One thing to keep in mind is that never put honey in boiling water, and never cook it because after reaching a certain temperature some part of honey becomes poisonous. Therefore, the water in which you put honey should be lukewarm and not boiled. Honey is not only for the elderly but also for the health of children is very beneficial. Also, keep in mind that children under the age of one year should not be given honey.



In Ayurveda, honey has been delineated as a food and natural medicine, and it has been called nectar to keep the body healthy, healthier and energized. Honey is used in many recipes. It is very beneficial for your health. We presume that it will definitely be in your kitchen and if not, then after reading this article it will definitely be there.



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मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 2024:जानें महत्व एवं शुभ मुहूर्त


मुख्य बिंदु

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत ही अहम महत्व है।

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है।

दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।


लोहड़ी के बाद पूरे भारत में मकर सक्रांति (Makar Sankranti) मनाई जाती है। सूर्य का मकर राशि में गमन करना संक्रांति कहलाता है इसलिए इस पर्व को मकर संक्रांति के रूप में जानते हैं। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का सीधा संबंध पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। जब सूर्य मकर रेखा पर आता है वह दिन 14 जनवरी का होता है। मगर इस साल मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है।

मकर संक्रांति से एक माह तक सूर्य मकर में रहते है। मकर संक्रांति को देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। दक्षिण भारत में यह पोंगल के नाम से जाना जाता है। वहीं गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। इस दिन देशभर में पतंगबाजी की जाती है।

ज्योतिष के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और इसी दिन से वर्ष का उत्तरायण पक्ष शुरू हो जाता है। उत्तरायण का काल छह महीने का होता है। इसे देवताओं का काल भी कहते हैं। दक्षिणायण में छह महीने देवता सोए हुए होते हैं और राक्षसों की तमोगुणी वृत्तियों का वर्चस्व होता है। सूर्य के उत्तरायण होने की स्थिति में सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करते हैं। इस स्थिति में सूर्य की किरणें वातावरण में एक अनूठी छटा बिखेरती हैं। सूर्य के उत्तरायण होते ही देवताओं का दिन व असुरों की रात्रि शुरू हो जाती है। इसलिए उत्तरायण के पहले दिन मनाया जाने वाला मकर संक्रांति पर्व एक नई शुरुआत, नई गति का प्रतीक है। यह तेज, तप व वैराग्य का पर्व है। यह मन के अशुद्ध विचारों को त्याग कर पावन हो जाने का पर्व है। मकर सक्रांति के साथ ही खरमास समाप्त हो जाता है। इसी के साथ शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाएगी। वहीं, इस साल मकर सक्रांति से ही प्रयागराज में कुंभ मेले की भी शुरुआत हो जाएगी।


मकर संक्रांति से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।


मान्यता है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। इस दृष्टि से भी इस पर्व का खास महत्व है। एक अन्य मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदराचल पर्वत पर भूमिगत कर दिया था। इस प्रकार यह दिन बुराइयों और नकारात्मकता को खत्म करने का दिन भी माना जाता है। अतः उस समय से ही भगवान विष्णु की इस विजय को मकर संक्रांति के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थीं। यह भी कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थी। इसलिए मकर संक्रांति पर गंगा सागर में मेला लगता है। महाभारत काल के महान योद्धा भीष्म पितामह ने भी अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। यशोदा जी ने जब कृष्ण जन्म के लिए व्रत किया था तब सूर्य देवता उत्तरायण काल में पदार्पण कर रहे थे और उस दिन मकर संक्रांति थी। कहा जाता है तभी से मकर संक्रांति व्रत का प्रचलन हुआ।

मकर संक्रांति का दिन, फसल काटने की शुरुआत के लिए मनाया जाने वाला उत्सव होता है। असम में यह उत्सव बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से मनाया जाता है। वहीं गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। इस दिन देशभर में पतंगबाजी की जाती है आपको जानकर खुशी होगी कि मकर संक्रांति के दिन ही गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्वस मनाया जाता है। इस तरह से नाम चाहे कुछ भी हो, पूरे भारत में यह दिन साल की नई शुरुआत का चिह्न होता है। इसके अलावा मकर संक्रांति से ही दिन बड़ा और रात छोटी होने लगती है। माना जाता है कि इसी दिन से ठंड का समापन भी शुरू जाता है।


मकर संक्रांति के विशेष पकवान:

शीत ऋतु में वातावरण का तापमान बहुत कम होने के कारण शरीर में रोग और बीमारियां जल्दी हो जाती हैं| इसलिए इस दिन गुड़ और तिल से बने मिष्ठान्न या पकवान बनाये, खाये और बांटे जाते हैं| इन पकवानों में गर्मी पैदा करने वाले तत्वों के साथ ही शरीर के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी मौजूद होते हैं| इसलिए उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है तथा गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक आदि का प्रसाद बांटा जाता है|


दान का महत्व:

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन तीर्थो एवं पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व है साथ ही दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान का भी बहुत महत्व है। कहते हैं कि इस मौके पर किया गया दान सौ गुना होकर वापस फलीभूत होता है। इस दिन घी, तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि के अनुसार दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन कई जगह पितरों को जल में तिल अर्पण भी दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।


स्नान-दान का शुभ मुहूर्त:

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व हर साल सामान्यतः 14 जनवरी को पड़ता है जब सूर्य उत्तरायन होकर मकर रेखा से गुजरता है। कभी-कभी 13 या 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष पंचांग के अनुसार, इस बार सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात में 02: 44 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा।

ज्यादातर हिंदू त्यौहारों की गणना चंद्रमा पर आधारित पंचांग के द्वारा की जाती है लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य पर आधारित पंचांग की गणना से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल मुहूर्त : प्रातः 07 बजकर 10 मिनट से शाम 6 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान स्नान-दान से कई गुना फल प्राप्त होता है। ऐसा कहा जा रहा है कि पंचांग के अनुसार इस दिन शतभिषा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है और 15 जनवरी यानी मकर सक्रांति 77 सालों के बाद वरीयान योग,और रवि योग का अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, वहीं दूसरी ओर इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे। ऐसे में मकर संक्रांति को बेहद ही शुभ फलदायी बताया जा रहा है।

मकर संक्रांति में दान-पुण्य करने का समय संपूर्ण दिन रहेगा। अत: ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाना शास्त्र सम्मत है। इस योग में दान-पुण्य करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। जैसा कि निम्न श्लोक से स्पष्ट होता है--


माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकंबलम।

भुक्त्वा सकलान भोगान अंते मोक्षं प्राप्यति॥



मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त:- 

मकर संक्रान्ति 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार

मकर संक्राति पुण्य काल - सुबह 07:10 से शाम 06:02 तक

अवधि - 10 घण्टा 52 मिनट

 

मकर संक्राति महा पुण्य काल - सुबह 07:10 से सुबह 08:59 तक

अवधि01 घण्टा 40 मिनट







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7 Magical Winter Holiday Destinations




For travel in India, the months between October to March are the very best times. At this time the tropical storm passes & the temperature reaches the appropriate level. Because of this, most travelers find the climate more comfortable during these months.






1. Gulmarg



Gulmarg is a beautiful location in Kashmir is one of the most famous hill stations to visit in India in winters. This popular place of Kashmir is well known for delivering out the best skiing experience to the tourists. This is a major attraction for those who love natural beauty surrounded by snow-covered hills and want to enjoy the snowfall. The Gondola lift, the Sking area, and the golf course are an added bonus for that. Nature lovers should visit Khilanmarg, Nagin valley, and Alfatar Lake. As Gulmarg is the best skiing place, don’t forget to show your skiing skill here as you ski through Aparwath peak. This is a perfect place for a family vacation and an unforgettable experience for all.



2. Auli



Are you searching for some amazing places to see snow in India, then Auli is sure to get in your traveling list. Auli is a beautiful hill town and a skiing resort as well. This snow-covered hill station provides you with a beautiful view of Mana Parwat, Dunagiri, Nanda Devi and NarParbat. As you board the Auli ropeway you have a magnificent view of the Himalayan range and the beautiful forest of Oak and Deodar trees. Gurso Bugyal, Vishnu Prayag, Joshimath, Chattarakund and the artificial lake of Auli are pleasant tourist places of Auli. The Auli Skiing Festival and Mata Murti Ka Mela are the added festivities of this beautiful hilly place.




3. Pelling



Pelling is a small hilly town in the northeastern Indian state of Sikkim, which is at the foothills of Mount Khangchendzonga. It is one of the second biggest tourist destinations in Sikkim after Gangtok. In the months of winter, Pelling is sometimes covered with a blanket of snow. The main charm of this place is the breath-taking sight of the Khangchendzonga, the world's third highest mountain. Pelling is very rich in heritage and culture and there are lots of hotels, resorts, and restaurants that cater to the need of all kinds of travelers. The Singshore Bridge, Sangay Falls, Rimbi Falls, Khecheopalri Lake, and the Kanchenjunga Falls are the most effective vacationer points of interest. The Sangacholing Monastery, Pemayangtse Monastery, Ralong Monastery, Rabdentse Palace and the Buddha Park are for those who search solace amidst the hills.




4.Visakhapatnam



Visakhapatnam is a coastal, port city, often called "The Jewel of the East Coast", situated in Andhra Pradesh and nestled among the hills of the Eastern Ghats. It is also an industrial center. It is usually called the ultimate tourism destination in Andhra Pradesh. From Lakes to cool Beaches, beautiful Hill Ranges to Caves and Valleys, all are in Visakhapatnam. The district has many tourist locations that represent the Culture and Heritage of India.


Some of the important tourist spots are Sri Venkateswara Temple, Simachalam Temple, Naval Museum, Dolphin’s nose lighthouse, Kailasagiri hill park  along with the significant attractions of the beaches, like Kondakarla Ava Beach, Rushikonda Beach, Yadara Beach, Rama Krishna Beach with the must-visit Araku Valley where there are the exquisite Borra Caves to be explored.