होली पर रंग से कहीं आपकी स्किन संबंधी प्रॉब्लम नहीं हो, इसे देखते हुए साइंस सेंटर, फाॅरेस्ट डिपार्टमेंट और शहर के क्लब महिलाओं को घर में नेचुरल कलर बनाने की फ्री ट्रेनिंग देंगे

होली पर रंग से कहीं आपकी स्किन संबंधी प्रॉब्लम नहीं हो, इसे देखते हुए साइंस सेंटर, फाॅरेस्ट डिपार्टमेंट और शहर के क्लब महिलाओं को घर में नेचुरल कलर बनाने की फ्री ट्रेनिंग देंगे

पहले जांचे तब लें गुलाल और रंग
होली पर बाजार में बिकने वाला रंग-गुलाल जरा संभलकर खरीदें। इस बार कहीं होली में आपके रंग में भंग न पड़ जाए। मार्केट में मिलने वाला गुलाल आपको तमाम बीमारियां दे सकता है, खासकर स्किन संबंधी बीमारियां बढ़ा सकता है।
-दानेदार गुलाल या फिर रंग नुकसानदेह होते हैं। दानेदार गुलाल बालू से बना होता है।
-गुलाल जितना सॉफ्ट होगा उसकी क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी।
-नकली रंग पानी में धीरे-धीरे घुलेगा और लाइट रंग के साथ दानेदार दिखाई देगा।
-सूखा रंग हाथ पर रगड़ने से खुजली हो तो समझ जाएं की यह सिंथेटिक है।


टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही सुन्दर नारंगी रंग बनाया जा सकता है। कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण भी टेसू के फूलों से होली खेलते थे। टेसू के फूलों के रंग को होली का पारम्परिक रंग माना जाता है। हरसिंगार के फूलों को पानी में भिगो कर भी नारंगी रंग बनाया जा सकता है| 

प्राकृतिक रंग कैसे बनाएँ | खुद बनाए रंगों से खेलें होली





एक चुटकी चन्दन पावडर को एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बनता है।




चारों तरफ होली मनाने के लिए युवा वर्ग रोमांचित है। बिना रंग के होली की कल्पना ही नहीं की जा सकती है, लेकिन मुश्किल यह है कि इन रंगों में जो केमिकल पाए जाते हैं, वे हमारी त्वचा और आँखों के लिए हानिकारक होते हैं। हम आपको प्राकृतिक रंग बनाने की विधि बता रहे हैं जिससे आप आकर्षक व चटकीले रंग घर पर ही बना सकते हैं और होली का खूब मजा ले सकते हैं।




सूखे लाल चन्दन को आप लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुर्ख लाल रंग का पावडर होता है और त्वचा के लिए अच्छा होता है।




जासवंती के फूलों को सुखाकर उसका पावडर बना लें और इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा मिला लें। सिन्दूरिया के बीज लाल रंग के होते हैं, इनसे आप सूखा व गीला लाल रंग बना सकते हैं।




दो छोटे चम्मच लाल चन्दन पावडर को पाँच लीटर पानी में डालकर उबालें। इसमें बीस लीटर पानी और डालें। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है।




बुरांस के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर भी लाल रंग बनाया जा सकता है, लेकिन यह फूल सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।




पलिता, मदार और पांग्री में लाल रंग के फूल लगते हैं। ये पेड़ तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। फूलों को रातभर में पानी में भिगो कर बहुत अच्छा लाल रंग बनाया जा सकता है।




सूखे मेहँदी पावडर को आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। सूखी लगाने पर इसे यूँ ही हाथ से साफ किया जा सकता है। गीली मेहँदी से त्वचा पर रंग रह जाने का डर रहता है, इसलिए इसे बालों पर लगाने से ज्यादा फायदा होगा। इसे बेझिझक किसी के बालों पर भी लगा सकते हैं।




गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर, महीन पावडर कर लें, इसे आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।




दो चम्मच मेहँदी को एक लीटर पानी में मिलाकर अच्छी तरह से हिलाएँ। पालक, धनिया और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट पानी में घोलकर गीला हरा रंग बनाया जा सकता है।

चुकन्दर को किस लें और इसे एक लीटर पानी में भिगो दें। बहुत ही अच्छा गुलाबी रंग तैयार हो जाएगा। गहरे गुलाबी रंग के लिए इसे रातभर भिगोएँ।




अमलतास, गेंदा व पीले सेवंती के फूलों से भी पीला रंग बनाया जा सकता है। फूलों की पंखुड़ियों को छाँव में सुखाकर महीन पीस लें। इसमें बेसन मिला सकते हैं या सिर्फ ऐसे ही उपयोग कर सकते हैं।




एक चम्मच हल्दी को दो लीटर पानी में मिलाकर अच्छे से मिला लें। गाढ़े पीले रंग के लिए आप इसे उबाल भी सकते हैं। पचास गेंदे के फूलों को दो लीटर पानी में मिलाकर उबालें व रातभर भीगने दें। सुबह तक बहुत ही खूबसूरत पीला रंग तैयार हो जाएगा।




जकरन्दा के फूलों की पंखुड़ियों को छाँव में सुखाकर बारीक पीस लें। ये फूल गर्मियों के मौसम में खिलते हैं। केरल में नीला जासवंती मिलता है, इसके फूलों से आप नीला रंग बना सकते हैं।




जामुन को बारीक पीस लें और पानी मिला लें। इससे बहुत ही सुन्दर नीला रंग तैयार हो जाएगा।

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abhishek

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