लौंग का भारतीय भोजन में एक महत्वपूर्ण स्थान है। भोजन में इसका उपयोग, भोजन के स्वाद को तो बढ़ाता ही है, साथ ही इसके महत्वपूर्ण गुण भी व्यंजनों में जुड़ जाते हैं। इसका उपयोग तेल और एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। आपके स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए लौंग में कई गुण हैं।

भोजन में स्वाद और पौष्टिकता के संतुलन को बनाए रखने के लिए भारतीय रसोई में लौंग का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लौंग एक मसाला है जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाने का काम करता है। इसकी तासीर बहुत गर्म है, सर्दियों के मौसम में इसका विशेष उपयोग होता है, लेकिन हर मौसम में सभी उम्र के लोगों के लिए लौंग फायदेमंद होता है। लौंग का स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्त्व है क्योंकि किसी भी पूजा अनुष्ठान में लौंग का जोड़ा अर्पित किया जाता है। लौंग में होने वाला एक खास तरह का स्वाद इसमें होने वाले एक तत्व युजेनॉल की वजह से होता है, यही तत्व इसमें होने वाली एक खास तरह की गंध को पैदा करता है। वह लौंग जिसका फूल पूर्ण होता है, उसे बहुत पवित्र माना जाता है।


लौंग का उत्पादन बांग्लादेश, इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका जैसे कई देशों में प्रचुर मात्रा में होता है। लौंग एक बहुत छोटे से फूल के आकार की होती है, जो कि केवल लौंग के पेड़ पर पायी जाती है। लौंग के बीज लगाए जाने के बाद, इसके पेड़ 8 या 9 साल के बाद फल देते है। कलियां लगातार पूरे वर्ष भर आती हैं। सबसे पहले, लौंग की कली थोड़ा पीलापन लिए होती है, और इसके बाद धीरे-धीरे गहरे गुलाबी रंग में परिवर्तित हो जाती हैं। तब इस अवस्था में इसे पेड़ से तोड़ कर सुखाया जाता है। सूखने के बाद लौंग का रंग गहरा भूरा हो जाता है। इस प्रकार से लौंग  तैयार हो जाती है। जो लौंग सुगन्ध में तेज, स्वाद में तीखी और हाथ से दबाने पर लौंग में तेल का आभास हो उसी लौंग को सबसे बढिया माना जाता है।


लौंग का प्रयोग खाने के अलावा दवा के रूप में भी किया जाता है। छोटे से छोटे व बड़े से बड़े रोगों का इलाज लौंग की मदद से किया जाता है। इसके अतिरिक्त  लौंग के तेल में एंटीऑक्सिडेंट, रोग प्रतिरोधी, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक और एनाल्जेसिक गुण भी होते हैं। आयुर्वेद और चीनी उपचार में लौंग के तेल का प्रयोग दवाओं के लिए किया जाता है,जो कि लौंग के सूखे फूल की कली, पत्ती, तना से निकाला जाता है। लौंग, लौंग पाउडर और लौंग का तेल बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और इन सभी चीजों के विभिन्न फायदे हैं।






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लौंग के तेल की तासीर काफी गर्म होती है और इस कारण से, इसे बहुत सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लौंग के तेल में किसी भी अन्य तेल की तुलना में, एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। एंटीऑक्सीडेंट त्वचा और शरीर् को स्वस्थ रखने में बहुत उपयोगी होते हैं। लौंग के तेल में मिनरल्स जैसे पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी अत्यधिक मात्रा में होते हैं। सर्दी-जुकाम होने पर लौंग खाएं या इसकी चाय बनाकर पीना भी फायदेमंद है।लौंग के तेल को हमेशा नारियल के तेल के साथ मिला कर प्रयोग करना चाहिए ताकि इसके उपयोग से आपकी सेहत को कोई नुकसान न हो।

Syzygium Aromaticum लौंग का वैज्ञानिक वनस्पति नाम है।

विभिन्न भाषाओं में लौंग का नाम:
अंग्रेजी- क्लाब्ज

गुजराती- लविंग

जर्मन - ग्वेर्ज़ेलेकेन

फ्रांसीसी -सांग डी गिरोफल

लैटिन- कैरीओफ़िलोरम मटिकस्

संस्कृत- लवंग, देवकुसुम,

मलयालम- ग्रामबु

हिंदी- लौंग

अरबी-कबीर कुरनफिल, कबीर कमालफुल

मराठी- लवंग

बंगाली- लवंग

कन्नड़-लावांगा

उड़िया-लैबांग

पंजाबी- लौंग

उर्दू- लाउंग

तमिल- किरंबू, लावंगम
  
तेलगु- लावालांगु

स्पैनिश- क्लवा

जापानी-चॉजी









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    Sumegha Bhatnagar

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