कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की पूरी

कुट्टू या सिंघाड़े  के आटे की पूरी


व्रत के दिनों में सामान्य आटा का प्रयोग नहीं किया जाता! ऐसे में कुट्टू, राजगिरी, सिंघाड़े के आटे से खाने की चीजें बनाई जाती हैं। कुट्टू के आटे को अकेला गूंथा नहीं जाता इसलिये इसे गूंथने के लिये अरबी या आलू मिला लेते है, जिससे ये आसानी से गूंथ कर बेला जा सकता है।

कितने लोगों के लिए: 2 – 4
समय: 15 से 30 मिनट

सामग्री:

कुट्टू या सिंघाड़े का आटा 2 कप
उबला आलू 2-3
सेंधा नमक (व्रत वाला नमक) स्वादानुसार
घी पूरी तलने के लिए



विधि:

आलू को छीलिये और बारीक मैश कीजिये।

कुट्टू या सिंघाड़े के आटे को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये और इसमें कद्दूकस किया आलू और सेंधा नमक डालकर मसलते हुए मिलाएं।

इसके बाद थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर आटा गूंदें ( इतना आटा गूंथने में 1/4 कप पानी लग जाता है) फिर इसे 10-15 मिनट के लिए ढककर सैट होने के लिये रख दीजिये ।

अब हाथ को थोड़े से तेल से चिकना कर लीजिए और आटे को मसलकर चिकना कर लीजिए।

गुथे हुये आटे से छोटी छोटी लोइयां बना कर रख लीजिये। लोइयां बनाते समय हाथ पर थोड़ा सा घी या सूखा आटा लगा लीजिए क्योंकि यह आटा हाथ पर चिपकता है।

बेलन से हल्का दबाव देकर थोड़ी सी मोटी पूरी बेल लीजिये।

पूरियां तलने के लिए गैस पर कड़ाही में घी गर्म करें।

इसके बाद घी में पूरी डालकर मध्यम आंच पर फ्राई करें

जब पूरी एक तरफ से सुनहरी हो जाए तो इसे पलटकर दूसरी तरफ से भी तलें।

अब प्लेट में टिश्यू पेपर लगाएं। फिर घी से पूरी निकालकर प्लेट में रखें। सारी पूरियां इसी तरह तलकर तैयार कर लीजिये।

कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की खस्ता पूरियां तैयार हैं।

अब गरमागरम पूरियां फ्राई आलू या दही के साथ खाइये।

सुझाव:

पूरी को हल्का दबाव देते हुए ही बेले वरना ये टूट सकती हैं।


आटा गूंथते समय ध्यान रखे कि आटा एकदम नरम भी न हो और ना ही सख्त।



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    Sumegha Bhatnagar

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